लैला-मजनू
अरब के रहने वाले थे लैला और मजनू । उन्होंने साबित किया कि मोहब्बत इस जहां तो क्या, जन्नत में भी जिन्दा रहती है। अरबपति शाह अमारी के बेटे कैश का हाथ देख कर किसी फकीर ने बचपन में कह दिया था कि वह मुहब्बत में मारा मारा फिरेगा। दमिश्क के मदरसे में कैश ने नाज्द कि बेटी लैला को देखा तो उसका दीवाना बन बैठा। लैला भी उसके प्रेम को नामंजूर न कर सकी। दोनों के प्रेम के किस्सों कि चर्चा गली-मुहल्लों में होने लगी तो परिवार ने लैला को घर में कैद कर दिया। लैला कि जुदाई में वह मारा-मारा फिरने लगा और लोगो ने उसे नाम दे दिया - मजनू। लैला कि बख्त नामक शख्स से शादी कर दी गयी। लैला ने उसे बता दिया कि वह मजनू के आलावा किसी और कि नहीं हो सकती। बख्त ने लैला को तलाक दे दिया। वह मजनू का नाम लेकर भटकने लगी। एक दिन उसे मजनू मिल गया तो दोनों प्रेमपाश में बंध गए। लैला कि माँ उसे अलग कर घर ले गयी। लैला से जुदाई बर्दाशत न हुई और उसने जान दे दी। उसकी मोत्त कि खबर सुनकर मजनू ने भी जन दे दी। इस मोहब्बत को जानकर दोनों को साथ दफना दिया गया। दोनों मरकर एक हो गए। उनकी कब्र आज भी दुनिया भर के प्रेमियो कि इबादतगाह है।
Thursday, May 06, 2010
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